(जनशक्ति खबर) पहले सेक्स करके प्रेग्नेंट हो जाओ-फिर करो शादी, भारत के इस गांव में निभाई जाती है ये अनोखी परंपरा।
(पटना) आजकल कई युवा शादी से पहले ही साथ रहने लगते हैं। इसे लिव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक गांव में ऐसी परंपरा है, इस गांव के लोग कई सालों से इस अनोखी परंपरा का पाल
न करते आ रहे हैं।यहां लड़का और लड़की शादी से पहले ही साथ रहने लगते हैं और संबंध बनाने लगते हैं। विवाह पर तभी विचार किया जाता है जब वे खुश हों।
एक अनोखी परंपरा वाला गांव केवल भारत में ही मौजूद है।
गोंड और मुरिया जनजातियाँ मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पाई जाती हैं, जो नक्सलवाद से प्रभावित है। उनकी परंपराएं और रीति-रिवाज बाकी दुनिया से अलग हैं। हमारी भारतीय संस्कृति में डेटिंग और रोमांस जैसी बातें निजी और छिपी हुई होती हैं। ऐसी बातों के बारे में सार्वजनिक रूप से खुलकर बात करना भी बुरा माना जाता है। लेकिन इस जनजाति में यह एक आम बात है।
10 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे भी इसमें शामिल हैं।
इस गांव में किसी प्रियजन के साथ शारीरिक संबंध बनाना कोई नई बात नहीं है। इन रिश्तों के लिए गांव में विशेष घर बनाए जाते हैं और इस परंपरा को त्योहार की तरह मनाया जाता है। इस डेटिंग परंपरा को ‘घोटुल’ कहा जाता है। यहां यह काम बांस से बने घर में किया जाता है। उस घर में सभी सुख सुविधाएं हैं। आज शहर में ‘घोटुल’ जैसे पब और नाइट क्लब इस जाति के लिए विशेष उत्सव हैं। इस जनजाति के युवक और युवतियां यहां मिलते हैं और एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने के लिए पार्टी करते हैं। उनकी परंपरा के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं।
साथी चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता
‘घोटुल’ में कोई भी लड़का अपनी पसंदीदा लड़की को प्रपोज कर सकता है। अगर लड़की भी उसे पसंद करती है तो वे साथ रह सकते हैं। वे शादी से पहले एक दूसरे के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं। इससे भी अधिक, वे कई लोगों से संबंधित हो सकते हैं। यहां युवक-युवतियों को अपना मनपसंद जीवन साथी चुनने की पूरी आजादी है। वे यहां बिना किसी सामाजिक दबाव के रह सकते हैं।
भारत का एक अनोखा गांव जिसकी परंपरा अनोखी है
जब उन्हें यकीन हो जाता है कि उनका फैसला सही है तो वे अपने परिवार को बताते हैं, जिसके बाद उनकी शादी हो जाती है। गर्भावस्था के बाद शादी करना यहां आम बात है। यहां के आम लोगों का कहना है कि इस परंपरा के कई फायदे हैं। इससे लिंग संबंधों के बारे में गलत धारणाएं दूर होती हैं और समुदाय में यौन दुर्व्यवहार की घटनाओं में भी कमी आती है।
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