(जनशक्ति खबर) शोभा का वस्तु बना चौगाई में 85 लाख का पशु अस्पताल।जिला प्रशासन भी नही ले रहा सुधी।


 (चौगाई)  बिहार के बक्सर जिला के चौगाई गांव में 85 लाख की राशि से बना पशु अस्पताल शोभा की वस्तु बनके रह गया है। रास्ता के अभाव में लाखो की राशि से बना पशु अस्पताल वर्षो से अपने उद्घाटन की बाट जो रहा है। स्थानीय प्रखंड मुख्यालय से लगभग 400 मीटर दूरी पासवान टोली में 85लाख की राशि से ये पशु अस्पताल 2017में बनाया गया था।जब अस्पताल बना था उस समय अस्पताल तक पहुंचने के लिए रास्ता नही देखा गया था लिहाजा रास्ता के अभाव में ये अस्पताल शोभा की वस्तु बनके रह गया है।ग्रामीणों ने बताया कि जब अस्पताल बना था तब लोगो की उम्मीद जागने लगी थी की अब गांव में पशु अस्पताल हो जायेगा लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही से 6 साल बाद भी ये अस्पताल अपनी उद्घाटन की उम्मीद कर बैठा है।सबसे बड़ी बात ये है की अस्पताल की उद्घाटन तो नही हो पाया लेकिन चोरों ने इस भवन के खिड़की और चौकठ चोरा ले गए।ग्रामीणों के अनुसार चौगाईं पशु अस्पताल केवल शोभा का वस्तु बन गया है। अस्पताल के अनुपयोगी होने की सूचना पहले भी कई बार विभाग के निदेशक से लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी तक दे दी जा चुकी है। परंतु अब तक कोई पहल नहीं की गयी है।


उद्घाटन से पहले ही यह अस्पताल उपयोगी नहीं अनुपयोगी बना है। इसके खिड़की-दरवाजे तक चोरी ही चुकी सै। इसके बाद अब मरम्मत की जरूरत महसूस की जाने लगी हैं। अस्पताल निर्माण के बाद रातों रात अस्पताल से लाखों के सामान चोरी कर घर पहुंचाने की तैयारी थी। लेकिन ग्रामीणों की सजगता से चोरी का सामान जब्त कर मुरार पुलिस को इसकी जानकारी दी गई थी।


85 लाख रुपये की लागत से हुआ था अस्पताल का निर्मा

इस पशु अस्पताल का निर्माण वर्ष 2017 में लगभग 5 वर्ष पहले 85 लाख रुपए की लागत से कराया गया था। स्थानीय लोगों के प्रयास से पांच साल पहले प्रथम वर्गीय पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया। लेकिन अस्पताल तक चिकित्सक और पशुपालक 5 वर्षों में एक बार भी नहीं पहुंच सके। क्योंकि जब अस्पताल का निर्माण हुआ तो रास्ते का ध्यान नहीं रखा गया कि आखिर अस्पताल तक लोग कैसे पहुंचेंगे।


अनदेखी : निदेशक को चिट्ठी लिखने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

इस मामले में पूछे जाने पर भ्रमण शिल पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कृष्णा कुमार ने बताया कि इस मामले में विभाग समेत निदेशक को पत्र भेज कर अवगत करा दिया गया है। सबको पता है। जब वहां जाने तक का रास्ता नहीं है तो उद्घाटन कैसे हो सकता है। वही चौगाई गांव के समाजसेवी ने इस मामले को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन डीएम अमन शमीर को जांच भी दिए थे लेकिन जिला प्रशासन इस पर ध्यान देना उचित नही समझा।लिहाजा चोर भवन के खिड़की और दरवाजे तक ले कर चले गए।

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