(जनशक्ति खबर) उद्योग विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता में उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का समीक्षात्मक बैठक किया गया।


(बक्सर)गुरुवार को उद्योग विभाग के अपर सचिव श्री संदीप पौण्डरीक की

 अध्यक्षता में बक्सर जिलें में उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से संबंधित समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय परिसर में गई।

अपर मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 2, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्ययम उन्नयन योजना की समीक्षा की और बैंकों को लक्ष्य के अनुरूप, नियमानुसार, ससमय आवेदनों का निष्पादन करने का निर्देश दिया।

बैंको के साथ नियमित समीक्षा करने एवं जीविका समूह को उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से जोड़ने को कहा गया। योजना के लाभार्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया गया। अपर मुख्य सचिव महोदय के द्वारा बक्सर औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया गया एवं औद्योगिक क्षेत्र के खाली जमीन को नए उद्यमियों के साथ संपर्क कर विभागीय नियमावली एवं मानको के अनुरूप आवंटित करने को कहा गया। औद्योगिक क्षेत्र नावानगर का निरीक्षण किया गया। चारदीवारी निर्माण कार्य, सड़क एवं खाली भूखंडों के आवंटन के संबंध में संबंधित पदाधिकारी को जरूरी दिशा निर्देश दिया गया।


उद्योग विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में आवश्यक जानकारी


प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रमः- 

उद्देश्य:-  नये स्वरोजगार उपक्रम/परियोजना/सूक्ष्म उद्यम की स्थापना द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों में रोजगार के अवसर सृजित करना।

लाभः- चयनित अभ्यर्थियों को सेवा क्षेत्र में अधिकतम 20 लाख एवं विनिर्माण क्षेत्र में अधिकतम 50 लाख ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के लाभुक को 25 प्रतिशत/35 प्रतिशत एवं शहरी क्षेत्र के लाभुक को 15 प्रतिशत/25 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान इस योजना अंतर्गत है।


प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनाः- 

असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अपनी भारी क्षमता के बावजूद मूल्यवर्द्धन तथा आउटपुट के संदर्भ में बहुत कम योगदान कर पाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म उद्योगों के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय ने एक पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्ययम उन्नयन योजना की शुरू की गई है। राज्य में इस योजना का संचालन खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, उद्योग विभाग, बिहार, पटना द्वारा किया जा रहा है। यह योजना 2020-21 से 2024-25 तक प्रभावी है।


प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनाः-

पात्रताः- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष, एक परिवार से केवल एक व्यक्ति एवं नए/वर्तमान उद्यम चाहे वे निजी हो या समूहों के लिए हों।

लाभः- व्यक्तिगत श्रेणियों के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से अधिकतम 10 लाख रूपये की सीमा के साथ क्रेडिट लिंग पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है। न्यूनतम 10 प्रतिशत योगदान लाभार्थी का और शेष राशि बैंक से ऋण लेना अनिवार्य है। किसान उत्पादक कंपनियों के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है। खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत एस0एच0जी0 के लिए प्रति सदस्य 40000 रूपये की कार्यशील पूंजी का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत सामान्य अवसंरचना के सृजन हेतु एफ0पी0ओ0/एस0एच0जी0 सहकारी समितियों/राज्य एजेंसियों या निजी उद्यमों को सामान्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जायेगी। जैसे-सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, उष्यमान केन्द्र प्रयोगशाला, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि शामिल है।


मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला एवं युवा उद्यमी योजनाः-

उद्देश्य:- राज्य में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला एवं युवा के युवक एवं युवतियों को उद्योग स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने एवं रोजगार सृजन तथा राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से यह योजना चलायी जा रही है। जिसमें कुल परियोजना राशि का 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण (सिर्फ युवा उद्यमी योजना में 1 प्रतिशत ब्याज) देने का प्रावधान है। ऋण की वापसी अंतिम किस्त की पीविमुक्ति के एक वर्ष के उपरांत 84 मासिक किस्तों में करने का प्रावधान है।


बैठक में जिला पदाधिकारी बक्सर, उप विकास आयुक्त बक्सर, जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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