(जनशक्ति खबर) आनंद मोहन की रिहाई के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल. अप


जब से आनंद मोहन की रिहाई की खबरे आई तब से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।एक बार बिहार सरकार में सता पर बैठे लोग रिहाई के लिए सरकार की पीठ थपथपा रहे।दूसरी बीजेपी के सुशील मोदी रिहाई को गलत ठहराने में लगे है।पूर्व सांसद आनंद मोहन तमाम विरोधों के बीच आज गुरुवार की सुबह जेल से रिहा हो गए.लेकिन रिहाई को बाद भी आनंद मोहन की मुश्किलें खत्म होती दिख नहीं रही है.उनकी रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की है.पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने के लिए लोकहित याचिका दायर की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में संशोधन कर 'ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या' वाक्य को हटाया दिया गया.


इस लोकहित याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर किया है. याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है. यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है.विदित हो की बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए. उन्हें सरकार ने स्थायी तौर पर रिहा कर दिया है. इससे पहले वो अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के मौके पर पैरोल पर जेल से बाहर आए थे. इसी बीच सरकार ने उनके पूर्ण रिहाई का आदेश दिया. बाहुबली नेता बुधवार को ही पैरोल खत्म होने पर जेल गए थे.आज आनंद मोहन सहरसा में रोड शो कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगें।

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