(जनशक्ति खबर) जानिए कुंवारियों के गांव की अनोखी कहानी! इस गांव में कोई नहीं रखता अपनी बेटी से।
पढ़े उपेन्द्र सिंह का रिपोर्ट-------बिहार का एक गांव ऐसा है जहां कुंवारे लड़के शादी करना तो चाहते हैं लेकिन हो नहीं पा रहे हैं. इसलिए इस गांव को ‘कुंवारियों का गांव’ कहा जाता है।यह सुनकर आपको थोड़ी हैरानी हो सकती है लेकिन यह बिल्कुल सच है। बरवान कला गांव बिहार की राजधानी पटना से 300 किमी की दूरी पर स्थित है। कोई भी परिवार अपनी बेटी की शादी इस गांव के लड़कों से नहीं करता।दरअसल किसी भी लड़की का पिता अपनी बेटी की शादी बरवां कला गांव के लड़के से नहीं करना चाहता है. इसके पीछे कई कारण हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अति पिछड़ा होने के कारण इस गांव में कोई भी अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है. इसके साथ ही इस गांव में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। यही वजह है कि यहां के युवक अविवाहित हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़के की शादी 2017 में काफी मेहनत से हुई थी, जिसके लिए पूरे गांव के लोगों ने काफी मेहनत की थी. ग्रामीणों ने पहाड़ और जंगल काटकर 6 किमी सड़क बना ली थी। सालों बाद जब अजय कुमार की शादी हुई तो गांव वालों ने उनका स्वागत सेलिब्रिटी की तरह किया।
गांव वालों की सालों की मेहनत के बाद जब पहली शादी हुई तो पूरे गांव ने जश्न मनाया. 2017 के बाद आज तक उस गांव में कोई शादी नहीं हुई है। कुछ अन्य कारण भी स्थानीय लोग बताते हैं। गांव में शादी करने के लिए गांव से दूर गेस्ट हाउस बुक कर शादी की रस्में करनी पड़ती हैं क्योंकि गांव में सड़क नहीं है।
कैमूर पर्वत के पास बरवान कला गांव की 121 पंचायतें अभी भी बेचैन हैं. लोगों का कहना है कि इस गांव में 50 साल में किसी लड़के की शादी नहीं हुई. 2017 में अजय यादव नाम के युवक की शादी हुई थी। इसलिए इस गांव को ‘कुंवारियों का गांव’ भी कहा जा रहा है। इस गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, जिसके कारण अन्य गांवों के लोग भी अपनी बेटी की शादी बरवान कला गांव में नहीं करते हैं.
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