(जनशक्ति खबर)थाने में पथराव करनेवाले की आजतक गिरफ्तारी नही scst झूठा केस में जान गवानी पड़ी यमुना सिंह को
(जनशक्ति खबर)थाने में पथराव करनेवाले की आजतक गिरफ्तारी नही scst झूठा केस में जान गवानी पड़ी यमुना
सिंह को। (बक्सर) जिस तरह युरुवार की रात कोरानसराय थाने के कोपवा गांव निवासी एक सम्मानित 75 वर्षीय वृद्ध यमुना सिंह ने पुलिसिया कार्रवाई से तंग आकर थाने में पंखा में लटकर आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली वो बक्सर पुलिस प्रसाशन की कार्यो पर सवाल खड़ा करता है।यमुना सिंह एक प्रतिष्ठित ब्यक्ति ही नही वो एक ऐसे सामाजिक ब्यक्ति थे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी जदयू के प्रदेश अध्यछ श्री बशिष्ठनरायण सिंह के परम मित्र थे।जदयू में दादा के नाम से जाने जाने वाले बशिष्ठनरायण सिंह जब ही गांव आते थे उनसे बिना भेंट किए नही जाते थे।इसलिये उन्हें पुलिसिया कार्रवाई को अपनी जीवन में सबसे बड़ी बेइज्जती से अच्छा ख़ुदकुशी का रास्ता अपनाया।कोपवा गांव में गली गलौज में हुई झगड़ा में यमुना सिंह को अलावा और लोगो पर एफआईआर था लेकिन कोरानसराय पुलिस की यही मनसा थी की यमुना सिंह को एफआईआर की आड़ पिटाई करके बेइज्जत किया जाए।आपसभी जानते है कि ज्यादातर scst केस पुलिस की मिलीभगत से थाने में दर्ज़कर एक प्रतिष्टित ब्यक्ति को बेइज्जत किया जाता है।ये नई बात नही तत्कालीन डुमरांव के पूर्ब डीएसपी केके सिंह ने विरोधियो से मिलकर मुरार थाना कांड संख्या 62/20 में पूरे परिवार को scst केस में फंसाया था। जिले में बहुत ऐसे हत्या की मुकदमे है जिसकी फाइलें थाना में शोभा की बस्तु रहगई है।पुलिस सभी कुछ जानती है लेकिन समाज में ज्यादातर पास्को और scst जैसे झूठे केस में लोगो को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थापती है। कुछ दिन पहले दलसागर में दो पछो के बीच गोलीबारी की घटना में एक ब्यक्ति की गोली भी लगी थी लेकिन गोलीमारने वाले सफेदपोश ब्यक्ति होने से उसकी गिरफ्तारी नही हुई।बीते दिनों कुछ ही दिनों पहले चौगाईं के दलितों ने मुरार थाना पर जमकर पथराव किया था।उसमें 11 लोगो पर नामजद एफआईआर भी हुआ था लेकिन ऐसे लोगो की आज तक गिरफ्तारी नही हुई जो बक्सर पुलिस पर कर्यो पर सवाल खड़ा करता है।
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