(जनशक्ति खबर)यमुना सिंह की गिरफ्तार करने वाली टीम के सभी सदस्यों पर हो 302 का मुकदमा: शाहाबादी।

यमुना सिंह की गिरफ्तार करने वाली टीम के सभी सदस्यों पर हो 302 का मुकदमा: शाहाबादी।


बक्सर ---- पुलिसिया बर्बरता का शिकार थाने में आत्महत्या को मजबुर हुए कोपवां गांव निवासी स्व० यमुना सिंह को गिरफ्तार करने वाली टीम के सभी सदस्यों के साथ थाना प्रभारी जुनैद आलम व वहां उपस्थित वरिय अधिकारी सभी पर हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर स्पीडी ट्रायल के द्वारा सजा दिलाया जाए। उक्त बातें जनशक्ति के संयोजक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र सिंह शाहाबादी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। श्री शाहाबादी ने कहा कि मै कल मृतक यमुना सिंह के परिजनों से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना व इस कांड से संबधित सारी जानकारी लिया। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार यह पुलिस कि बर्बरता पूर्ण करवाई हैं जो घोर निंदनीय हैं, किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति को इस तरह पीटते हुए थाने ले जाने और पीट पीट कर थाने में मौत के घाट उतार देने की करवाई किसी भी प्रकार उचित नहीं हैं। जबकि यह केस दर्ज होने के बाद घरवालों की तरफ से इस केस की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाने की मांग का आवेदन जिला के वरीय पुलिस अधिकारियों को दिया गया था, जिसे वरीय पदाधिकारी द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और कोई जांच नहीं हुई। और सीधे गिरफ्तारी का काम हुआ। और गिरफ्तार कार थाना प्रभारी और उस टीम के द्वारा स्व० यमुना सिंह को पीटते हुए थाने के गया गया, फिर थाने में पिटाई हुए जिसको समाज में प्रतिष्ठित यमुना सिंह सह न सके। इसलिए गिरफ्तार करने वाली टीम के सभी सदस्यों सहित थाना प्रभारी सहित वहां उपस्थित वरीय पदाधिकारी सभी पर  पर 302 का केस दर्ज होना चाहिए। यह मामला जनता और पुलिसिया जुल्म का हैं, किसी भी आरोपी को पीटने का अधिकार किसी भी पुलिस को नहीं हैं, आज पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आ रहा हैं।  फिर, आज हर थाने में किसी भी निर्दोष को फंसा दिया जाता हैं और निर्दोषों द्वारा बार बार जांच जा गुहार लगाने पर भी पुलिस कप्तान द्वारा कोई जांच नहीं होती, सीधे गिरफ्तारी ही की जाती हैं। किसी का लाइफ चौपट किया जाता हैं तो कोई आत्महत्या करने को मजबुर किया जाता हैं। आज यमुना सिंह के साथ जो हुआ हैं यह उनकी हत्या हैं इसमें दरोगा से लेकर उपर के अधिकारी तक शामिल हैं अगर नहीं होते तो थाना प्रभारी अब तक सलाखों के पीछे होते। अगर टीम के सभी सदस्यों सहित थाना प्रभारी की  गिरफ्तारी नहीं होती है तो हमलोग आंदोलन पर मजबुर होंगें। इसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।

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